मेरा दिल मुझसे कहता है एक बार फिर से तलाश कर सच्ची चाहत की "प्रीतम"
तू मेरी फिकर मत कर मैं न ही पहले कभी टुटा था और न ही आगे कभी टूटूंगा
©शायर-प्रीतम"तम्मा"
मेरा दिल मुझसे कहता है एक बार फिर से तलाश कर सच्ची चाहत की "प्रीतम"
तू मेरी फिकर मत कर मैं न ही पहले कभी टुटा था और न ही आगे कभी टूटूंगा
©शायर-प्रीतम"तम्मा"
हमारी लड़की कॉलेज जाएगी तो अपने पैरो में एक दिन खड़ी हो पायेगी
यही सपने होते है भरपूर विश्वास के साथ हर किसी माँ बाप की आँखों में
क्यूँ बच्चे उनके विश्वास को ठेंगा दिखाते हैं मैं ये सोचते हुए कही खो गया
जब मैंने देखा आज पार्क में स्कूली लड़की को किसी लड़के की बाहों में
माँ बाप के विश्वास को मत तोड़ो दोस्तों ये जानकर कि उन्हें कुछ पता नहीं
उन्हें पता नही मगर उन्हें धोखे में रखने में क्या तुम्हारी कोई भी खता नहीं
कहता है "प्रीतम" इस बारे में ऐ जवानी के जोश में उड़ते हुए नादान परिंदों
जो माँ बाप की नज़रो में गिर गया वो फिर कभी खुदा की नज़र में उठा नहीं
©शायर-प्रीतम "तम्मा"
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एक हसीना के पीछे दस दीवाने पड़े हैं
इसी वजह से तो हसीनो के तेवर बड़े हैं
दस में से नो दीवानों का टूटना तो तय है
मगर हसीनो तो बस हसीनो से ही भय है
कोई इनकी करदे तारीफ तो क्या कहना
इनको बस अपनी तारीफ में खुश रहना
इनके लिए चाहे रोता रहे कोई हज़ार बार
कोई फरक नहीं पड़ने वाला इनको यार
मगर ये रोये किसी के लिए बस एक बार
तो वो समझने लगता है कि इनको है प्यार
अरे जिनके पीछे पड़े हो दीवाने एक हज़ार
वो क्या जानेंगेे सच में होता है क्या ये प्यार
ये तो शमाँ है और शमाँ का काम है जलाना
इन्हें क्या कि कितना भी तड़पे एक परवाना
इसलिए मैं बस अपने काम से काम रखता हूँ
हसीनो से बेगाना तम्मा अपना नाम रखता हूँ
हर हसीना एक जेंसी नहीं है सबका सम्मान करो
न कहो किसीको बेवफा न उनका अपमान करो
वो किसी की बहन भी है तो किसीकी बेटी भी है
वो दीवानों को दर्द देकर भी खुद दर्द सहती भी है
मत सोचो इनके बारे में ये पहले ही सातवे आसमान पर
बस करते रहो नेक कर्म बाकि सब छोड़ दो भगवान पर
अब आखिर में मैं एक सन्देश हसीनो को देता हूँ
ये मत समझना कि मैं प्रीतम बस यूँही फेकता हूँ
सतर्क रहना तुम हसीनो का सबसे पहला काम है
मत भूलों कि बहुत रिश्तों से जुड़ा तुम्हारा नाम है
विश्वास न तोडना माँ बाप का भले ही सबका विश्वास तोड़ दो
माँ बाप का विश्वास बना रहे बस बाकी उस खुदा पर छोड़ दो
गम न करना गर कोई कितना भी रोये यहाँ तुम्हारी वजह से
बस याद रखना कभी माँ बाप न रोये कभी तुम्हारी वजह से
किसी दीवाने की तारीफ में अगर तुम्हारी सुन्दरता का जिक्र होता है
तो माँ बाप की तारीफ में बस तुम्हारी सफलता का ही फ़िक्र होता है
©पागल शायर- प्रीतम "तम्मा"
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माना कि आज अनजान है खुदा ये मेरा शहर मेरे हर किसी काम से
मगर वादा रहा एक दिन यही शहर जाना जायेगा "तम्मा" के नाम से