something about the blog..
जो कुछ भी सही और साफ़ मेरे मन में आता है मैं बस वही इस ब्लॉग में लिखता हूँ.. वेंसे भगवान की दया और कुछ बेवफाओं की असीम कृपा से जो कुछ भी लेखन की कला मेरे दिलो दिमाग में बस गई है , उस लेखन कला का मैं न के बराबर अंश ही इस ब्लॉग में प्रस्तुत करता हूँ बाकी असल में जो मेरी लेखन कला है उसका इस्तेमाल तो सही वक़्त आने पर ही करूँगा.. वो क्या है कि रामबाण का इस्तेमाल उचित समय के आने पर ही किया जाता है ..
लेखन ही मेरा जीवन है तो लेखन ही मेरी कला है
इस लेखन को लेकर ही प्रीतम अब तक चला है
:- प्रीतम सिंह नेगी "तम्मा"
लेखन ही मेरा जीवन है तो लेखन ही मेरी कला है
इस लेखन को लेकर ही प्रीतम अब तक चला है
:- प्रीतम सिंह नेगी "तम्मा"
27 March 2015
25 March 2015
23 March 2015
19 March 2015
All in one Shayari With Preetam...
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*** 21मार्च-2015***
आज का दिन भी हमें बहुत याद रहेगा
हर लम्हा आज का हर दिन साथ रहेगा
na na
शायर-प्रीतम नेगी तम्मा भाई — feeling naughty.
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हाँ नहीं था यकीन मुझे कि फिर से मैं प्रीतम इन राहों में वापस आऊँगा
तन्हाई की महफ़िलो में रहते-रहते ज़िन्दगी की नई महफ़िल सजाऊँगा
©शायर-प्रीतम नेगी
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माना कि आज अनजान है ये मेरा शहर मेरे हर किसी काम से
मगर वादा रहा एक दिन जाना जायेगा यही शहर मेरे ही नाम से
©शायर-प्रीतम नेगी
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18 March 2015
09 March 2015
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