something about the blog..
जो कुछ भी सही और साफ़ मेरे मन में आता है मैं बस वही इस ब्लॉग में लिखता हूँ.. वेंसे भगवान की दया और कुछ बेवफाओं की असीम कृपा से जो कुछ भी लेखन की कला मेरे दिलो दिमाग में बस गई है , उस लेखन कला का मैं न के बराबर अंश ही इस ब्लॉग में प्रस्तुत करता हूँ बाकी असल में जो मेरी लेखन कला है उसका इस्तेमाल तो सही वक़्त आने पर ही करूँगा.. वो क्या है कि रामबाण का इस्तेमाल उचित समय के आने पर ही किया जाता है ..
लेखन ही मेरा जीवन है तो लेखन ही मेरी कला है
इस लेखन को लेकर ही प्रीतम अब तक चला है
:- प्रीतम सिंह नेगी "तम्मा"
लेखन ही मेरा जीवन है तो लेखन ही मेरी कला है
इस लेखन को लेकर ही प्रीतम अब तक चला है
:- प्रीतम सिंह नेगी "तम्मा"
13 July 2013
02 July 2013
20 June 2013
29 April 2013
एक बेवफा
वो एक बेवफा लड़की हर रोज पति-पति कहकर मेरे पैर छूती थी
मेरा दिल नहीं मेरा विश्वास जीतकर उस ने मेरी खुशियाँ लूटी थी
आजकल जब कभी भी मैं सोचता हूँ उन बीते हुए लम्हों के बारे में
तो कसम से यकीन ही नहीं होता की वो बेवफा इतनी बड़ी झूठी थी
उसकी तो सचमुच में ही आदत थी दिलवालों के दिलो से खेलना
हिस्सा बना उसके खेल का मैं भी शायद मेरी किस्मत भी फूटी थी
@प्रीतम सिंह नेगी "तम्मा"
"All rights reserved" © http://tammathewriter.blogspot.com. Powered by Blogger.
मेरा दिल नहीं मेरा विश्वास जीतकर उस ने मेरी खुशियाँ लूटी थी
आजकल जब कभी भी मैं सोचता हूँ उन बीते हुए लम्हों के बारे में
तो कसम से यकीन ही नहीं होता की वो बेवफा इतनी बड़ी झूठी थी
उसकी तो सचमुच में ही आदत थी दिलवालों के दिलो से खेलना
हिस्सा बना उसके खेल का मैं भी शायद मेरी किस्मत भी फूटी थी
@प्रीतम सिंह नेगी "तम्मा"
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