something about the blog..

जो कुछ भी सही और साफ़ मेरे मन में आता है मैं बस वही इस ब्लॉग में लिखता हूँ.. वेंसे भगवान की दया और कुछ बेवफाओं की असीम कृपा से जो कुछ भी लेखन की कला मेरे दिलो दिमाग में बस गई है , उस लेखन कला का मैं न के बराबर अंश ही इस ब्लॉग में प्रस्तुत करता हूँ बाकी असल में जो मेरी लेखन कला है उसका इस्तेमाल तो सही वक़्त आने पर ही करूँगा.. वो क्या है कि रामबाण का इस्तेमाल उचित समय के आने पर ही किया जाता है ..

लेखन ही मेरा जीवन है तो लेखन ही मेरी कला है
इस लेखन को लेकर ही प्रीतम अब तक चला है

:- प्रीतम सिंह नेगी "तम्मा"

19 November 2015

किसी ने प्यार को खुदा कह दिया अपने प्यार को पाकर किसी ने प्यार को झूठा कह दिया अपने प्यार को खोकर





किसी ने प्यार को खुदा कह दिया
अपने प्यार को पाकर
किसी ने प्यार को झूठा कह दिया
अपने प्यार को खोकर
अब जिस जिसने अपने प्यार का
जेंसा अंजाम पाया है
उस उसने ही इस प्यार का मतलब
यहाँ वैंसा ही समझाया है
लोग कहते हैं कि सच्चे आशिक़
अब सिर्फ मज़ार में ही मिलते हैं
पर देखा जाये तो वो आशिक़ भी
अपने इसी संसार में ही दिखते हैं
हाँ कुछ चंद लोगो की दगाबाजी से
दुनिया में ये प्यार झूठा हुआ है
मगर भूल न जाना मेरे मित्रों
उसके बाद भी प्यार खुदा हुआ है
©tammathewriter.blogspot.in