something about the blog..

जो कुछ भी सही और साफ़ मेरे मन में आता है मैं बस वही इस ब्लॉग में लिखता हूँ.. वेंसे भगवान की दया और कुछ बेवफाओं की असीम कृपा से जो कुछ भी लेखन की कला मेरे दिलो दिमाग में बस गई है , उस लेखन कला का मैं न के बराबर अंश ही इस ब्लॉग में प्रस्तुत करता हूँ बाकी असल में जो मेरी लेखन कला है उसका इस्तेमाल तो सही वक़्त आने पर ही करूँगा.. वो क्या है कि रामबाण का इस्तेमाल उचित समय के आने पर ही किया जाता है ..

लेखन ही मेरा जीवन है तो लेखन ही मेरी कला है
इस लेखन को लेकर ही प्रीतम अब तक चला है

:- प्रीतम सिंह नेगी "तम्मा"

24 August 2014

जरा संभलकर

एक हसीना के पीछे दस दीवाने पड़े हैं
इसी वजह से तो हसीनो के तेवर बड़े हैं

दस में से नो दीवानों का टूटना तो तय है
मगर हसीनो तो बस हसीनो से ही भय है

कोई इनकी करदे तारीफ तो क्या कहना
इनको बस अपनी तारीफ में खुश रहना

इनके लिए चाहे रोता रहे कोई हज़ार बार
कोई फरक नहीं पड़ने वाला इनको यार

मगर ये रोये किसी के लिए बस एक बार
तो वो समझने लगता है कि इनको है प्यार

अरे जिनके पीछे पड़े हो दीवाने एक हज़ार
वो क्या जानेंगेे सच में होता है क्या ये प्यार

ये तो शमाँ है और शमाँ का काम है जलाना
इन्हें क्या कि कितना भी तड़पे एक परवाना

इसलिए मैं बस अपने काम से काम रखता हूँ
हसीनो से बेगाना तम्मा अपना नाम रखता हूँ

हर हसीना एक जेंसी नहीं है सबका सम्मान करो
न कहो किसीको बेवफा न उनका अपमान करो

वो किसी की बहन भी है तो किसीकी बेटी भी है
वो दीवानों को दर्द देकर भी खुद दर्द सहती भी है

मत सोचो इनके बारे में ये पहले ही सातवे आसमान पर
बस करते रहो नेक कर्म बाकि सब छोड़ दो भगवान पर

अब आखिर में मैं एक सन्देश हसीनो को देता हूँ
ये मत समझना कि मैं प्रीतम बस यूँही फेकता हूँ

सतर्क रहना तुम हसीनो का सबसे पहला काम है
मत भूलों कि बहुत रिश्तों से जुड़ा तुम्हारा नाम है

विश्वास न तोडना माँ बाप का भले ही सबका विश्वास तोड़ दो
माँ बाप का विश्वास बना रहे बस बाकी उस खुदा पर छोड़ दो

गम न करना गर कोई कितना भी रोये यहाँ तुम्हारी वजह से
बस याद रखना कभी माँ बाप न रोये कभी तुम्हारी वजह से

किसी दीवाने की तारीफ में अगर तुम्हारी सुन्दरता का जिक्र होता है
तो माँ बाप की तारीफ में बस तुम्हारी सफलता का ही फ़िक्र होता है

©पागल शायर- प्रीतम "तम्मा"

©tammathewriter.blogspot.com

19 August 2014

वादा रहा

माना कि आज अनजान है खुदा ये मेरा शहर मेरे हर किसी काम से
मगर वादा रहा एक दिन यही शहर जाना जायेगा "तम्मा" के नाम से