something about the blog..
जो कुछ भी सही और साफ़ मेरे मन में आता है मैं बस वही इस ब्लॉग में लिखता हूँ.. वेंसे भगवान की दया और कुछ बेवफाओं की असीम कृपा से जो कुछ भी लेखन की कला मेरे दिलो दिमाग में बस गई है , उस लेखन कला का मैं न के बराबर अंश ही इस ब्लॉग में प्रस्तुत करता हूँ बाकी असल में जो मेरी लेखन कला है उसका इस्तेमाल तो सही वक़्त आने पर ही करूँगा.. वो क्या है कि रामबाण का इस्तेमाल उचित समय के आने पर ही किया जाता है ..
लेखन ही मेरा जीवन है तो लेखन ही मेरी कला है
इस लेखन को लेकर ही प्रीतम अब तक चला है
:- प्रीतम सिंह नेगी "तम्मा"
लेखन ही मेरा जीवन है तो लेखन ही मेरी कला है
इस लेखन को लेकर ही प्रीतम अब तक चला है
:- प्रीतम सिंह नेगी "तम्मा"
30 March 2012
29 March 2012
14 March 2012
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