something about the blog..

जो कुछ भी सही और साफ़ मेरे मन में आता है मैं बस वही इस ब्लॉग में लिखता हूँ.. वेंसे भगवान की दया और कुछ बेवफाओं की असीम कृपा से जो कुछ भी लेखन की कला मेरे दिलो दिमाग में बस गई है , उस लेखन कला का मैं न के बराबर अंश ही इस ब्लॉग में प्रस्तुत करता हूँ बाकी असल में जो मेरी लेखन कला है उसका इस्तेमाल तो सही वक़्त आने पर ही करूँगा.. वो क्या है कि रामबाण का इस्तेमाल उचित समय के आने पर ही किया जाता है ..

लेखन ही मेरा जीवन है तो लेखन ही मेरी कला है
इस लेखन को लेकर ही प्रीतम अब तक चला है

:- प्रीतम सिंह नेगी "तम्मा"

13 July 2014

मुरझाया सा फूल..



मुरझाया  सा फूल

क्या तुमसे प्यार करके हम से हुई थी भूल
जो बन गया जीवन मेरा मुरझाया  सा फूल
मुरझाया सा फूल....... 

अरमान दिल के सारे ना जाने कहाँ बह गये
राहे वफ़ा में थे अकेले और हम अकेले रह गये
और हम अकेले रह गये
क्यूँ खुदा तूने ना की रे मेरी फरियाद वो कबूल
जो बन गया जीवन मेरा मुरझाया सा फूल
मुरझाया सा फूल.....

चाहत थी दिल की मेरी कोई कमी भी ना थी
राहे वफ़ा में ढूँढा तुझे और तू कहीं भी ना थी
और तू कहीं भी ना थी
क्या वफ़ा का सिला है ये या दुनिया का उसूल
जो बन गया जीवन मेरा मुरझाया सा फूल
मुरझाया सा फूल.....

थी काली रात जिंदगी मेरी तू ही थी पहली सुबह
कीमत चुकायी ऐंसी मैने कि मेरा सूरज ना उगाह
कि मेरा सूरज ना उगाह
क्या सूरजकी वो किरण भी थी मेरे लिए फिजूल
जो बनजो बन गया जीवन मेरा मुरझाया सा फूल
मुरझाया सा फूल.....
मुरझा या सा फू

शायर©तम्मा भाई

Just click this link to watch and listen this painful song..

http://youtu.be/sWHZ_YckzAI

Thank you

https://tammathewriter.blogspot.com

Maholle se lekar facebook tak... by tamma bhai