something about the blog..

जो कुछ भी सही और साफ़ मेरे मन में आता है मैं बस वही इस ब्लॉग में लिखता हूँ.. वेंसे भगवान की दया और कुछ बेवफाओं की असीम कृपा से जो कुछ भी लेखन की कला मेरे दिलो दिमाग में बस गई है , उस लेखन कला का मैं न के बराबर अंश ही इस ब्लॉग में प्रस्तुत करता हूँ बाकी असल में जो मेरी लेखन कला है उसका इस्तेमाल तो सही वक़्त आने पर ही करूँगा.. वो क्या है कि रामबाण का इस्तेमाल उचित समय के आने पर ही किया जाता है ..

लेखन ही मेरा जीवन है तो लेखन ही मेरी कला है
इस लेखन को लेकर ही प्रीतम अब तक चला है

:- प्रीतम सिंह नेगी "तम्मा"

24 March 2016

अपने नाज़ुक से दिल में पत्थर भरके हमने लॉक कर दिया कि दिल में रहने वाले को हमने ज़िन्दगी से ब्लॉक कर दिया बहुत से मौके दिए हमने उन्हें संभलने को पर न सम्भले वो तो हमने उनकी दुनिया से निकलनेे का डोर नॉक कर दिया ©शायर- प्रीतम पूजा। ©tammathewriter.blogspot.in

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