बुझने के बाद मेरे दिल में फिर दीप जगा
ओ साल पिछले मिलके तुमसे ऐंसा लगा
जैंसे ये"प्रीतम" खुद "प्रीतम" से ही मिला
फिर फूल प्रेम का तेरे-मेरे दिल में खिला
पर मुझको है मिलती महोब्बत की सजा
मेरी किस्मत में लिखी मेरे रब ने बस दगा
अब तू मुझसे करे दगा या फिर करे वफ़ा
मैं तेरा बना हूँ, तेरा हूँ, तेरा ही रहूँगा सदा
©तम्मा
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